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जेवर एयरपोर्ट को दिल्ली और अन्य शहरों से जोड़ने के लिए मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी पर राइट्स एजेंसी जल्द ही अपनी रिपोर्ट यमुना विकास प्राधिकरण को सौंपेगी। एजेंसी अब दिल्ली से जेवर एयरपोर्ट तक लाइट मेट्रो की भी फिजबिलिटी देखेगी। अगर जेवर एयरपोर्ट तक की फिजबिलिटी नहीं बनी तो यमुना प्राधिकरण अपने सेक्टर में इसको चलाने पर विचार करेगा।
जेवर एयरपोर्ट को आईजीआई एयरपोर्ट के अलावा अन्य शहरों से जोड़ने के लिए मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी पर राइट्स एजेंसी सर्वे कर रही है। अब यमुना प्राधिकरण ने एजेंसी से लाइट मेट्रो के लिए भी फिजबिलिटी देखने के लिए कहा है। लाइट मेट्रो में वर्तमान में चल रही मेट्रो की तुलना कम पैसा खर्च होगा। इसके निर्माण में करीब-करीब एक तिहाई पैसा खर्च होता है। हालांकि, इस मेट्रो की तुलना में इसकी गति कम होती है। यह तीन डिब्बों की होती है और इसमें एक साथ 200 से 250 लोग सफर कर सकते हैं। इसके लिए डेडीकेटेड कॉरिडोर होगा। लोगों को एयरपोर्ट तक पहुंचाने के लिए समय का ध्यान रखा जाना है इसलिए इसके अध्ययन में समय को प्राथमिकता दी जाएगी।
यमुना प्राधिकरण का कहना है कि अगर दिल्ली से जेवर एयरपोर्ट तक लाइट मेट्रो की फिजबिलिटी नहीं बनती है तो वह अपने सेक्टरों में इसे चलाने पर विचार करेगा। यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-18 व 20 बहुत बड़े हैं। दोनों सेक्टरों में 21 हजार आवंटी हैं इसलिए इन सेक्टरों में इसकी जरूरत होगी।
ग्रेटर नोएडा तक भी मेट्रो प्रस्तावित
जेवर एयरपोर्ट को ग्रेटर नोएडा से जोड़ने के लिए मेट्रो की डीपीआर बन गई है। यहां पर मेट्रो को अनुमान के मुताबिक यात्री मिलना मुश्किल है। लेकिन एयरपोर्ट के लिए इसे चलाना जरूरी है। अब इस डीपीआर को एनएमआरसी के पास भेजा गया है। वह इसमें फंडिंग पैटर्न तय करने के साथ ही इसको बेहतर करने के तरीके सुझाएगी। इसकी रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
दो एक्सप्रेस वे जुड़ रहे
जेवर एयरपोर्ट को दिल्ली व अन्य शहरों से जोड़ने के लिए विकल्प तलाशे जा रहे हैं। इसमें ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ा जा रहा है। इसके टेंडर हो चुके हैं। अब पश्चिमी यूपी के शहरों और हरियाणा के कुछ शहरों की कनेक्टिविटी जेवर एयरपोर्ट से बेहतर हो जाएगी।
हाईवे का भी प्रस्ताव
आईजीआई एयरपोर्ट से जेवर एयरपोर्ट तक डेडिकेटेड हाईवे बनाने की भी बात हो रही है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है। अब केंद्र की सहमति के बाद इस पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। डेडिकेटेड रोड एयरपोर्ट के लिए जरूरी बताई गई है।
बुलेट ट्रेन की भी योजना
जेवर एयरपोर्ट को बुलेट ट्रेन से भी जोड़ने की बात हो रही है। दिल्ली-मेरठ रूट के न्यू अशोक नगर स्टेशन से जेवर तक बुलेट ट्रेन चलाने का प्रस्ताव है।
नई दिल्ली/नोएडा [कुंदन तिवारी]। दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी इंटरनेशनल (Indira Gandhi international) एयर पोर्ट को उत्तर प्रदेश के जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से सीधे जोड़ने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए एयरपोर्ट प्राधिकरण (Air port authority) और नोएडा प्राधिकरण (Noida authority) के साथ मिलकर एक ऐसा कॉरिडोर विकसित करने की दिशा पर काम करने जा रहा है, जिससे जेवर इंटर नेशनल एयर पोर्ट (Jewar Inter international Airport) को अधिक-अधिक शहरों के साथ सीधे जोड़ा जा सके।
टोल ब्रिज कंपनी के साथ जल्द होगी बैठक
इसके लिए सेक्टर-150 और सेक्टर-168 में यमुना पर हरियाणा की तरफ दो पुल बनाया जाना है। इसके निर्माण की जिम्मेदारी टोल ब्रिज कंपनी को दी जा सकती है। निर्माण लागत निकलने के बाद पुल प्राधिकरण को हस्तांतरित कर दिया जाएगा। इसको लेकर टोल ब्रिज कंपनी के साथ प्राधिकरण की जल्द बैठक होने जा रही है।
दोनों पुलों के निर्माण में 900 करोड़ रुपये होंगे खर्च
बता दें कि इस कॉरिडोर के रास्ते में दिल्ली का जाम बाधक न बने। ऐसे में फरीदाबाद-गुरुग्राम के रास्ते नोएडा-ग्रेटर नोएडा में सीधे प्रवेश की संभावनाओं पर काम किया जा रहा है। नोएडा प्राधिकरण की ओर से यमुना पुल के ऊपर से प्रस्तावित दो पुलों (पहला सेक्टर-150 व दूसरा सेक्टर-168) के बनने की संभावनाएं अब प्रबल हो चुकी हैं। दोनों पुलों के निर्माण में करीब 900 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
लगाया जा सकता दोनों पुलों पर टोल टैक्स
सेक्टर-168 के पुल का निर्माण के लिए केंद्र व राज्य सरकार को पत्र लिखा जा चुका है, जबकि सेक्टर-150 का निर्माण टोल ब्रिज कंपनी से करवाने का विचार किया जा रहा है। प्राधिकरण ने बताया कि इस पुल बनने से उत्तर प्रदेश व हरियाणा के बीच की दूरी महज 15 मिनट की रह जाएगी। ऐसे में यदि इस पर टोल लगाया जाता है तो मुसाफिरों को कोई घाटा नहीं होगा।
रिंग रोड की तरह काम करेगा कोरिडोर
यह कॉरिडोर नोएडा, ग्रेटर नोएडा व फरीदाबाद को जोड़ेगा। एक्सप्रेस-वे पर सेक्टर-150 से होते हुए एक पुल यमुना किनारे बसे गांव अमीपुर तक जाएगा। इसके बाद एक सड़क फरीदाबाद के कबूलपुर, शिकारगाह गांव के पास से ग्रेटर नोएडा के लिए बनाई जाएगी। पुल से फरीदाबाद सेक्टर-95 के आउटर रोड तक एक 90 मीटर चौड़ी सड़क बनाई जाएगी, जो राजपुर कला, तिलोरी खाद आदि गांव के पास से होते हुए अलीपुर शिकारगाह तक पहुंचेगी। इसके अलावा नोएडा के सेक्टर-168 से फरीदाबाद के महावतपुर और लालपुर गांव पर आकर एक यमुना पुल और समाप्त होगा।
आइजीआइ एयरपोर्ट आएगा और करीब
इन दोनों पुलों के बनने के बाद फरीदाबाद से नोएडा व ग्रेटर फरीदाबाद की दूरी चंद मिनटों की रह जाएगी। इन दोनों पुलों को जोड़ने के लिए भी रिवाजपुर गांव के पास से महावतपुर गांव के ऊपर से लालपुर तक करीब छह किलोमीटर की एक 90 मीटर चौड़ी सड़क बनाई जाएगी। यह फरीदाबाद की बाइपास रोड से कनेक्ट होगी, इस रास्ते सेक्टर-89 के पास वजीरपुर गांव के रास्ते सेक्टर-28 में फिर बड़खल फ्लाईओवर से सीधे सूरजकुंड रोड से जुड़ेगी और मानव रचना शिक्षण संस्थान चौराहे से गुरुग्राम इफ्को चौक या शंकर चौक तक पहुंच जाएगी। यहां से आइजीआइ एयरपोर्ट काफी पास है।
कई राज्य के लोगों को होगा लाभ
केके अग्रवाल (महाप्रबंधक (सिविल), नोएडा प्राधिकरण) के मुताबिक, यमुना पर पुलों के निर्माण को लेकर केंद्र व राज्य सरकार के साथ बातचीत चल रही है। टोल ब्रिज कंपनी को निर्माण कार्य सौंपने की योजना है, इससे निर्माण का आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा। कई राज्यों के लोगों को सुविधा भी मिल जाएगी।
The Gautam Budh Nagar administration will start the takeover process of the property earmarked for Jewar International Airport and complete the rehabilitation and resettlement process of 1,700 families within a week, officials said.
Starting next week, the administration will start acquiring land in areas where people are not currently residing. The administration has already distributed around Rs 1,500 crore as compensation to landowners and another Rs 1,300 crore is yet to be disbursed.
“Over 50% compensation disbursement for the airport land is complete and the rest will be done soon. By next week, we will start taking possession of the land from owners. Our aim is to hand over the maximum land to the Authority by August 31,” said B N Singh, district magistrate.
Singh explained that around 80% of the land is not occupied and does not have any habitation. The administration will initially take over this portion of the property and hand it over to the Noida International Airport Limited (NIAL) that will hand it over to the contractor who will build the airport.
“We are initially focusing on this large chunk as it is undisputed and will be easily acquired by August 31. This will also help the Authority in starting work at the earliest,” said Singh.
The remaining 20% of land is a part of inhabited village areas. This is also the area where farmers have been protesting regarding the compensation rates. People living in these areas will have to be relocated and the process may take longer. A 50-hectare plot on Aligarh road has been identified for the relocation of families from six villages where land will be acquired for the airport.
The Jewar international airport will be developed over 5,000 hectares of land, of which 1,334 hectares will be acquired in Phase 1 by August 31.
“The first phase of the airport will be developed on a straight horizontal patch, perpendicular to the
Yamuna Expressway
. The airport will be 5.8 kilometres ahead of the Jewar toll plaza, while arriving from Delhi or Noida. This section also has very few inhabited areas and will be easily acquired within the expected time,” said Arunvir Singh, chief executive officer of NIAL and YEIDA.
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https://m.timesofindia.com/city/noida/jewar-land-takeover-to-begin-in-a-week/amp_articleshow/70387069.cms
https://youtu.be/hAkNPBSS3e8