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UN selects Noida to participate in Global Sustainable Cities 2025 initiative Read more at: //economictimes.indiatimes.com/articleshow/66799311.cms?from=mdr&utm_source=contentofinterest&utm_medium=text&utm_campaign=cppst

The United Nations Sunday officially invited Uttar Pradesh’s Noida and Greater Noida to become a member of its initiative which aims to create 25 model cities across the world that will be fully compliant with the sustainable development goals by 2025, officials said.

The twin-cities in Gautam Buddh Nagar district, adjoining the national capital, have been selected in the “University City” category ahead of Mumbai and Bengaluru, which were also under UN consideration for the initiative, as the only invitee from India, a senior UN official said.

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Area development

Speed S2 Interior work Details as of September 14th, 2019

Dear Friends,

Am pleased to share above as provide by CRM- Solitairian City, for your kind perusal.

Block Work – 18th Floor (100% Complete) 19th Floor Ongoing
CPVC Work Toliet- 15th Floor (100% Complete)
Chaukhat Fixing – 11th Floor Completed
Plaster Inside – 7th Completed and 8th Floor Ongoing
Electrical Conduting Work – 10th Floor (100% Complete), 11th Floor On-Going
Scaffolding- Complete for the entire tower

Warmly,

Saxena V M 

Secretary,

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First Central Police Univ to come up about 2km from our Project,more value to members

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बड़ी खुशखबरी: दिल्ली-NCR में 4 लाख युवाओं को मिलेगा रोजगार, बनेगी इलेक्ट्रॉनिक सिटी

To Come up near our Project.
Government to Subsidise by 25%

So far 45% of India’s Mobile Production is in Noida & that’s why because of Upcoming Jewar Airport this Area has been identified
https://www.jagran.com/news/education-ncr-electronic-city-will-four-lakh-job-opportunities-in-delhi-ncr-19570251.html

नोएडा/गाजियाबाद, जेएनएन। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) को इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों का हब बनाने की तैयारी की जा रही है। इसके तहत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (National Capital Region) में इलेक्ट्रॉनिक सिटी (Electronic city) स्थापित की जाएगी। इससे चार लाख युवाओं को रोजगार मिल सकेगा। इसके लिए नीति बनाई जा रही है। इससे विदेशी कंपनियों को यहां अपना उद्यम स्थापित करने में न सिर्फ आसानी होगी बल्कि उन्हें रियायतें भी दी जाएंगी। निर्माण के लिए जमीन तलाशने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
2500 एकड़ में बनेगी इलेक्ट्रॉनिक सिटी
जेवर एयरपोर्ट के नजदीक होने के कारण यहां आवागमन भी सुगम होगा। दरअसल देश में मोबाइल फोन, एलसीडी व एलईडी टेलीविजन व एलईडी के उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ी है और उत्पादन में भी वृद्धि हुई है। बीते पांच वर्षो में विदेशी कंपनियों की 123 इकाइयां यहां स्थापित हुईं। यूपी ने इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों के निर्माण में उल्लेखनीय गति दी है। एनसीआर में 2500 एकड़ में इलेक्ट्रॉनिक सिटी स्थापित की जाएगी।

देश का 35 फीसद मोबाइल निर्माण यूपी में
गौरतलब है कि भारत में होने वाले कुल मोबाइल फोन निर्माण का 45 फीसद निर्माण जनसंख्या के लिहाज से सबसे बड़ी राज्य उत्तर प्रदेश में हो रहा है। देश की 38 मोबाइल फोन निर्माता कंपनियों में से करीब 13 कंपनियां अकेले यूपी के नोएडा और ग्रेटर नोएडा में स्थापित की गई हैं।
इंजीनियरिंग, डिप्लोमा व स्नातक उम्मीदवारों के लिए मौका
ऐसे में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों के निर्माण का हब इसे बनाने में आसानी होगी। यहां कंपनियों को उद्योग स्थापित करने में जो लागत आएगी, उसमें छूट दी जाएगी। यहां जमीन खरीदने से लेकर विभिन्न तरह के टैक्स आदि में 25 फीसद तक की छूट दी जाएगी। अभी इंजीनियरिंग, डिप्लोमा व स्नातक आदि की पढ़ाई करने के बाद काफी संख्या में युवाओं को नौकरी तलाशने के लिए भटकना पड़ता है। इलेक्ट्रॉनिक सिटी का निर्माण होने के बाद उन्हें आसानी होगी।
एनसीआर में इलेक्ट्रॉनिक सिटी की स्थापना जल्द की जाएगी। इसके लिए जमीन तलाशने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इलेक्ट्रॉनिक्स नीति के तहत उद्यमियों को अपना उद्योग लगाने में यहां रियायतें दी जाएंगी। करीब चार लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा।

यहां पर बता दें कि वैश्विक मंदी ने ऑफलाइन मोबाइल सेक्टर की कमर तोड़ दी है, लेकिन अब इस सेक्टर को उबारने के लिए ब्रांडेड कंपनियों ने खुद कमान संभाली है। हाल ही में सैमसंग, रीयल मी, ओपो, वीवो समेत तमाम ब्रांडेड कंपनियों ने नोएडा के 300 बड़े शोरूम संचालकों के साथ बैठक की है। कैसे ऑफ लाइन मोबाइल बाजार को गति दी जाए। इस पर विस्तार से मंथन किया है।
बता दें कि इस प्रकार की बैठक को पांच वर्ष बाद कंपनियों की ओर से आयोजित किया गया, जिसमें शोरूम संचालकों से सुझाव एकत्र किए गए हैं और उनकी मंदी को दूर करने की जानकारी से अवगत कराया गया है। 14 सितंबर से अब मोबाइल ग्राहकों के लिए ऑफरों की बारिश शुरू होने जा रही है। इससे ग्राहक ऑनलाइन मोबाइल की खरीदारी के लिए शोरूम पर जुटने लगेंगे। इसमें ग्राहकों को 5-10 फीसद का सीधा लाभ होगा।

यहीं नहीं शोरूम संचालकों को भी ऑफर बेस टारगेट सौंपा जाएगा। इसमें उन्हें मोटर साइकिल, स्कूटी, एलसीडी, कूपन और विदेश यात्र समेत तमाम ऑफर शामिल होंगे। जैसे की वर्ष 2014 में त्योहारी सीजन में कंपनियों की ओर से किया जाता रहा है।
तेजी से बढ़ रहा ट्रिपल कैमरा फोन का बाजार
साल 2019 में ट्रिपल कैमरा सेटअप काफी तेजी से बाजार पर हाबी हुआ। वर्ष के अंत तक 15 फीसद पहुंच सकता है। जबकि वर्ष 2020 के अंत तक इसके 35 फीसदी होने की संभावना है। वर्ष 2021 तक दुनिया में आधे से ज्यादा ट्रिपल या फिर उससे ज्यादा कैमरा सेंसर वाले स्मार्टफोन हो जाएंगे। बता दें कि अब तक करीब 40 से ज्यादा कंपनियों ने ट्रिपल कैमरा फोन लांच किया है। करीब 30 कंपनियों के स्मार्टफोन वर्ष 2019 के पहली तिमाही में लांच हुए।

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Jewar Aerotropolis;Welcome to Future

Integrated airport city-Jewar Aerotropolis takes shape. E&Y to submit preliminary report by end Sept. PCB housing project about 20 minutes away, phase 1 possession in first quarter of 2020, buyers will benefit most.

 

 

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जेवर एयरपोर्ट के पास बसेगी विदेशों जैसी आधुनिक सिटी, जानिए कैसी होगी सुविधा

Publish Date:Wed, 28 Aug 2019 08:45 AM (IST)
एयरपोर्ट सिटी का खाका विश्व के कई देशों में एयरपोर्ट के आसपास बसे शहरों से प्रेरित होकर तैयार किया गया है। …
ग्रेटर नोएडा, जेएनएन। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के चारों ओर आधुनिक शहर के विकास का खाका तैयार हो गया है। यह क्षेत्र प्राधिकरण के पहले से विकसित हो रहे शहर का पूरक होगा। अर्नेस्ट एंड यंग ने सोमवार को यमुना प्राधिकरण में एयरपोर्ट सिटी पर प्रस्तुतीकरण दिया। एयरपोर्ट सिटी का खाका विश्व के कई देशों में एयरपोर्ट के आसपास बसे शहरों से प्रेरित होकर तैयार किया गया है। यमुना प्राधिकरण की आगामी बोर्ड बैठक में एयरपोर्ट सिटी का प्रस्ताव शामिल किया जाएगा। बोर्ड की मंजूरी के बाद इसे शासन के पास अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा।

मौजूदा व नया शहर होगा एक दूसरे का पूरक
यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में जेवर के नजदीक इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनने जा रहा है। प्राधिकरण एयरपोर्ट के आस पास आधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण शहर को बसाने की तैयारी कर रहा है। यह शहर एयरपोर्ट के चारों ओर करीब डेढ़ हजार से दो हजार हेक्टेयर जमीन पर विकसित किया जाएगा। इसकी रूपरेखा सलाहकार एजेंसी अर्नेस्ट एंड यंग ने तैयार की है।

तीन जोन में होगा शहर

एयरपोर्ट सिटी तीन जोन में विकसित होगी। एयरपोर्ट के नजदीक तीन किमी के दायरे में यात्री व कार्गो से जुड़ी गतिविधियों के लिए ढांचा तैयार होगा। इसके आगे सात किमी के दायरे में राजस्व बढ़ाने से जुड़ी गतिविधियां होंगी। 12 किमी के दायरे में रिहायशी के साथ-साथ लोगों की जरूरत को पूरा करने वाली गतिविधियों का ढांचा तैयार होगा, जहां अन्य जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।

कई सुविधाएं होंगी एयरपोर्ट सिटी में

  • इंटीग्रेटिड टाउनशिप
  • लॉजिस्टिक
  • मेडिकल टूरिज्म
  • मंडी
  • रिक्रिएशनल
  • कंवेंशन सेंटर
  • एग्जीबिशन सेंटर
  • बायो डायवर्सिटी पार्क

बोर्ड से मंजूरी के बाद शासन के पास जाएगी फाइल
यमुना प्राधिकरण एयरपोर्ट के सीईओ डा. अरुणवीर सिंह ने बताया कि के आस पास आधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण शहर विकसित करने की योजना है। इसकी रूपरेखा तैयार हो चुकी है। बोर्ड की मंजूरी के बाद इसे शासन के पास अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा।

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Another milestone in developing infra on Yamuna Express Way,this interchange is adjacent to our project.

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दिल्ली से जेवर एयरपोर्ट लाइट मेट्रो चलाने पर विचार शुरू, राइट्स एजेंसी करेगी सर्वे

https://www.livehindustan.com/ncr/story-up-govt-wants-to-run-light-metro-from-delhi-to-jewar-airport-2706509.html

जेवर एयरपोर्ट को दिल्ली और अन्य शहरों से जोड़ने के लिए मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी पर राइट्स एजेंसी जल्द ही अपनी रिपोर्ट यमुना विकास प्राधिकरण को सौंपेगी। एजेंसी अब दिल्ली से जेवर एयरपोर्ट तक लाइट मेट्रो की भी फिजबिलिटी देखेगी। अगर जेवर एयरपोर्ट तक की फिजबिलिटी नहीं बनी तो यमुना प्राधिकरण अपने सेक्टर में इसको चलाने पर विचार करेगा।

जेवर एयरपोर्ट को आईजीआई एयरपोर्ट के अलावा अन्य शहरों से जोड़ने के लिए मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी पर राइट्स एजेंसी सर्वे कर रही है। अब यमुना प्राधिकरण ने एजेंसी से लाइट मेट्रो के लिए भी फिजबिलिटी देखने के लिए कहा है। लाइट मेट्रो में वर्तमान में चल रही मेट्रो की तुलना कम पैसा खर्च होगा। इसके निर्माण में करीब-करीब एक तिहाई पैसा खर्च होता है। हालांकि, इस मेट्रो की तुलना में इसकी गति कम होती है। यह तीन डिब्बों की होती है और इसमें एक साथ 200 से 250 लोग सफर कर सकते हैं। इसके लिए डेडीकेटेड कॉरिडोर होगा। लोगों को एयरपोर्ट तक पहुंचाने के लिए समय का ध्यान रखा जाना है इसलिए इसके अध्ययन में समय को प्राथमिकता दी जाएगी।

यमुना प्राधिकरण का कहना है कि अगर दिल्ली से जेवर एयरपोर्ट तक लाइट मेट्रो की फिजबिलिटी नहीं बनती है तो वह अपने सेक्टरों में इसे चलाने पर विचार करेगा। यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-18 व 20 बहुत बड़े हैं। दोनों सेक्टरों में 21 हजार आवंटी हैं इसलिए इन सेक्टरों में इसकी जरूरत होगी।

ग्रेटर नोएडा तक भी मेट्रो प्रस्तावित

जेवर एयरपोर्ट को ग्रेटर नोएडा से जोड़ने के लिए मेट्रो की डीपीआर बन गई है। यहां पर मेट्रो को अनुमान के मुताबिक यात्री मिलना मुश्किल है। लेकिन एयरपोर्ट के लिए इसे चलाना जरूरी है। अब इस डीपीआर को एनएमआरसी के पास भेजा गया है। वह इसमें फंडिंग पैटर्न तय करने के साथ ही इसको बेहतर करने के तरीके सुझाएगी। इसकी रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।

दो एक्सप्रेस वे जुड़ रहे

जेवर एयरपोर्ट को दिल्ली व अन्य शहरों से जोड़ने के लिए विकल्प तलाशे जा रहे हैं। इसमें ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ा जा रहा है। इसके टेंडर हो चुके हैं। अब पश्चिमी यूपी के शहरों और हरियाणा के कुछ शहरों की कनेक्टिविटी जेवर एयरपोर्ट से बेहतर हो जाएगी।

हाईवे का भी प्रस्ताव

आईजीआई एयरपोर्ट से जेवर एयरपोर्ट तक डेडिकेटेड हाईवे बनाने की भी बात हो रही है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है। अब केंद्र की सहमति के बाद इस पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। डेडिकेटेड रोड एयरपोर्ट के लिए जरूरी बताई गई है।

बुलेट ट्रेन की भी योजना

जेवर एयरपोर्ट को बुलेट ट्रेन से भी जोड़ने की बात हो रही है। दिल्ली-मेरठ रूट के न्यू अशोक नगर स्टेशन से जेवर तक बुलेट ट्रेन चलाने का प्रस्ताव है।

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Half of land for Jewar with govt,balance by 10.9.18

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इस फैसले से सिर्फ 15 मिनट में तय होगी UP-हरियाणा की दूरी, लाखों लोगों को होगा लाभ

नई दिल्ली/नोएडा [कुंदन तिवारी]। दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी इंटरनेशनल (Indira Gandhi international) एयर पोर्ट को उत्तर प्रदेश के जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से सीधे जोड़ने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए एयरपोर्ट प्राधिकरण (Air port authority) और नोएडा प्राधिकरण (Noida authority) के साथ मिलकर एक ऐसा कॉरिडोर विकसित करने की दिशा पर काम करने जा रहा है, जिससे जेवर इंटर नेशनल एयर पोर्ट (Jewar Inter international Airport) को अधिक-अधिक शहरों के साथ सीधे जोड़ा जा सके।

टोल ब्रिज कंपनी के साथ जल्द होगी बैठक
इसके लिए सेक्टर-150 और सेक्टर-168 में यमुना पर हरियाणा की तरफ दो पुल बनाया जाना है। इसके निर्माण की जिम्मेदारी टोल ब्रिज कंपनी को दी जा सकती है। निर्माण लागत निकलने के बाद पुल प्राधिकरण को हस्तांतरित कर दिया जाएगा। इसको लेकर टोल ब्रिज कंपनी के साथ प्राधिकरण की जल्द बैठक होने जा रही है।

दोनों पुलों के निर्माण में 900 करोड़ रुपये होंगे खर्च
बता दें कि इस कॉरिडोर के रास्ते में दिल्ली का जाम बाधक न बने। ऐसे में फरीदाबाद-गुरुग्राम के रास्ते नोएडा-ग्रेटर नोएडा में सीधे प्रवेश की संभावनाओं पर काम किया जा रहा है। नोएडा प्राधिकरण की ओर से यमुना पुल के ऊपर से प्रस्तावित दो पुलों (पहला सेक्टर-150 व दूसरा सेक्टर-168) के बनने की संभावनाएं अब प्रबल हो चुकी हैं। दोनों पुलों के निर्माण में करीब 900 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।

लगाया जा सकता दोनों पुलों पर टोल टैक्स
सेक्टर-168 के पुल का निर्माण के लिए केंद्र व राज्य सरकार को पत्र लिखा जा चुका है, जबकि सेक्टर-150 का निर्माण टोल ब्रिज कंपनी से करवाने का विचार किया जा रहा है। प्राधिकरण ने बताया कि इस पुल बनने से उत्तर प्रदेश व हरियाणा के बीच की दूरी महज 15 मिनट की रह जाएगी। ऐसे में यदि इस पर टोल लगाया जाता है तो मुसाफिरों को कोई घाटा नहीं होगा।

रिंग रोड की तरह काम करेगा कोरिडोर
यह कॉरिडोर नोएडा, ग्रेटर नोएडा व फरीदाबाद को जोड़ेगा। एक्सप्रेस-वे पर सेक्टर-150 से होते हुए एक पुल यमुना किनारे बसे गांव अमीपुर तक जाएगा। इसके बाद एक सड़क फरीदाबाद के कबूलपुर, शिकारगाह गांव के पास से ग्रेटर नोएडा के लिए बनाई जाएगी। पुल से फरीदाबाद सेक्टर-95 के आउटर रोड तक एक 90 मीटर चौड़ी सड़क बनाई जाएगी, जो राजपुर कला, तिलोरी खाद आदि गांव के पास से होते हुए अलीपुर शिकारगाह तक पहुंचेगी। इसके अलावा नोएडा के सेक्टर-168 से फरीदाबाद के महावतपुर और लालपुर गांव पर आकर एक यमुना पुल और समाप्त होगा।

आइजीआइ एयरपोर्ट आएगा और करीब
इन दोनों पुलों के बनने के बाद फरीदाबाद से नोएडा व ग्रेटर फरीदाबाद की दूरी चंद मिनटों की रह जाएगी। इन दोनों पुलों को जोड़ने के लिए भी रिवाजपुर गांव के पास से महावतपुर गांव के ऊपर से लालपुर तक करीब छह किलोमीटर की एक 90 मीटर चौड़ी सड़क बनाई जाएगी। यह फरीदाबाद की बाइपास रोड से कनेक्ट होगी, इस रास्ते सेक्टर-89 के पास वजीरपुर गांव के रास्ते सेक्टर-28 में फिर बड़खल फ्लाईओवर से सीधे सूरजकुंड रोड से जुड़ेगी और मानव रचना शिक्षण संस्थान चौराहे से गुरुग्राम इफ्को चौक या शंकर चौक तक पहुंच जाएगी। यहां से आइजीआइ एयरपोर्ट काफी पास है।

कई राज्य के लोगों को होगा लाभ
केके अग्रवाल (महाप्रबंधक (सिविल), नोएडा प्राधिकरण) के मुताबिक, यमुना पर पुलों के निर्माण को लेकर केंद्र व राज्य सरकार के साथ बातचीत चल रही है। टोल ब्रिज कंपनी को निर्माण कार्य सौंपने की योजना है, इससे निर्माण का आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा। कई राज्यों के लोगों को सुविधा भी मिल जाएगी।