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जेवर ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ ही औद्योगिक विकास को पंख लगाएगा। एयरपोर्ट के लिए केवल भूमि अधिग्रहण पर चार हजार करोड़ रुपये के खर्च से प्रदेश सरकार को वर्ष 2060 तक एक लाख 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक की आय होगी। वहीं एक लाख से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। नागरिक उड्डयन विभाग ने वित्तीय निविदा से पहले अनुमान लगाया था कि 100 रुपये प्रति यात्री बिड आने पर सरकार को 2060 तक 35 हजार करोड़ की आय होगी। 150 रुपये प्रति यात्री बिड आने पर 46 हजार करोड़ रुपये की आय होगी।
शुक्रवार को दिल्ली में खोली गई वित्तीय निविदा में ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल ने 400.94 रुपये प्रति यात्री की सबसे ऊंची बोली लगाई है। विभाग के अनुमान के अनुसार इससे 2060 तक राज्य सरकार को 1 लाख 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक आय होगी।
नागरिक उड्डयन विभाग ने निवेश के आउटपुट मल्टीप्लायर के सिद्धांत के आधार पर अनुमान लगाया है कि एयरपोर्ट पर 30 हजार करोड़ रुपये का निवेश होने से नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और यमुना एक्सप्रेस-वे के आसपास करीब एक लाख करोड़ रुपये का निवेश आएगा। वहीं जॉब मल्टीप्लायर के सिद्धांत के अनुसार अनुमान है कि इससे 15 हजार लोगों को प्रत्यक्ष रूप से और 90 हजार लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।
https://www.amarujala.com/lucknow/jewar-airport-will-increase-state-economy-and-industrial-development
The global tender for airport developer has been won by the Swiss group,Good news for India and our neighbourhood.
We have seen a good response. Four bidders have submitted bids, which is very encouraging since Jewar is a greenfield airport. All the major greenfield airports such as Navi Mumbai, Mopa in Goa and Bhogapuram only received two bids each,” said Shailendra Bhatia, Nodal officer, Noida airport.
https://www.thehindu.com/news/national/other-states/proposed-jewar-airport-attracts-four-bids/article29835087.ece
More developments within 4km Radius of Society Housing Project.
नोएडा [कुंदन तिवारी]। दिल्ली के बाद नोएडा में देश का दूसरा सबसे बड़ा हेलीपोर्ट तैयार होने जा रहा है। इसमें चार हेलीकॉप्टर सेवा प्रदान करने वाली एजेंसियां संचालन शुरू कर सकती है। नोएडा प्राधिकरण ने मास्टर प्लान 2031 में परियोजना को शामिल कर बोर्ड बैठक में मंजूरी प्रदान कर दी है, सेक्टर-151 ए में 10 एकड़ जमीन चिह्नित हो चुकी है।
परियोजना पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर तैयार की गई है। जल्द ही सलाहकार कंपनी का चयन होने वाला है। जल्द ही रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) जारी होगी। जो परियोजना का ब्लू प्रिंट तैयार करेगी।
नोएडा में मौजूद एक हेलीकॉप्टर सेवा प्रदान कंपनी
देश में चार एजेंसियां है जो हेलीकाप्टर सेवाएं प्रदान करती है। इसमें पवन हंस व एसआईटीसी के अलावा दो अन्य शामिल है। इसमें पवन हंस का कार्यालय नोएडा सेक्टर-एक में स्थित है।
बनाए जाएंगे आठ हेलीपेड
सेक्टर-151 ए स्थित हेलीपोर्ट पर हेलीकॉप्टर उतरने के लिए आठ हेलीपेड बनाए जाएंगे। बुङ्क्षकग के लिए केबिन बनेंगे, पार्किंग की भी व्यवस्था होगी। पहले चरण में योजना की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है। डीपीआर को आइआइटी से क्लियरेंस के बाद राज्य सरकार के पास संस्तुति के लिए भेजा जाएगा।
विकसित हो रहा पर्यटन क्षेत्र, देश हर क्षेत्र के लिए मिलेगी सेवा
प्रस्तावित हेलीपोर्ट के पास प्राधिकरण राजस्थान की चौखी ढाणी समेत शहीद भगत ङ्क्षसह पार्क विकसित करने जा रहा है। इस दिशा में सर्वे चल रहा है। हेलीपोर्ट से देश हर कोने के लिए सीधी कनेक्टिविटी होगी। हालांकि जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहले से बनने जा रहा हैं, यहां देश विदेश से लोग आएंगे। वहीं नोएडा में बड़े पैमाने पर निवेश आएगा ।
नियोजक/वास्तुकला, नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक एससी गौड़ ने बताया कि हेलीपोर्ट के लिए डीपीआर तैयार की जा रही हैं। योजना पीपीपी मॉडल पर बनेगी। जिसमें हेलीकॉप्टर सेवा प्रदान करने वाली कंपनियां संचालन करेगी।https://www.jagran.com/uttar-pradesh/noida-ncr-indians-second-largest-helipad-will-built-in-noida-19679926.html