आने वाले दिनों में आपको नोएडा से बड़ा ‘वर्ल्ड्स ऑफ वंडर’ यीडा में देखने को मिलेगा। किस्टुला ट्यूलिप कंपनी ने एंटरटेनमेंट सिटी बनाने के लिए यीडा से 500 एकड़ जमीन मांगी है। कंपनी करीब 15 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगी। बताया जा रहा है कि इससे करीब दो लाख युवाओं को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।
किस्टुला ट्यूलिप कंपनी के प्रमुख माइक बेरी बृहस्पतिवार को यीडा दफ्तर पहुंचे। वहां सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह व ओएसडी शैलेंद्र भाटिया से मिले। उसके बाद सेक्टर 22-एफ स्थित जमीन देखने गए। उनको जमीन की लोकेशन पसंद आई।
मैप पर भी प्रस्तावित जेवर एयरपोर्ट व अन्य प्रोजेक्ट को देखा। उन्हें जमीन पसंद आई। यहां से जाने के बाद ईमेल के जरिये प्रोजेक्ट बनाने की औपचारिक संस्तुति पत्र भी यीडा को भेज दी। यीडा ने दो सप्ताह में कंपनी से 10 फीसदी रकम के साथ डीपीआर भेजने की बात कही है।
यीडा के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह व ओएसडी शैलेंद्र भाटिया ने कंपनी से वार्ता के आधार पर बताया कि कंपनी इस एंटरटेनमेंट सिटी को एम्यूजमेंट पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसमें डिजनीलैंड का भी एहसास होगा और वर्ल्ड्स ऑफ वंडर का भी।
इसमें फिल्मों की शूटिंग भी होगी। सिटी इतनी बड़ी होगी कि मेट्रो व बस की सीधी कनेक्टिविटी भी दी जाएगी। इसका विस्तार करीब तीन किलोमीटर के रेंज में होगा। इस दायरे में आने वाले गांवों को विकसित भी करेगी।
इस कंपनी के आने से आसपास के दो लाख युवाओं को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल सकेगा। बता दें कि इससे पहले फिल्म निर्माता बोनी कपूर ने भी यीडा से सेक्टर-29 में देखी 30 एकड़ जमीन मांगी है। वे फिल्म स्टूडियो बनाना चाह रहे हैं।
वीवो ने भी मांगी जमीन
मोबाइल कंपनी वीवो ने भी यीडा से 200 एकड़ जमीन मांगी है। इसमें मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट लगाएगी। बृहस्पतिवार को कंपनी के प्रतिनिधि यीडा के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह व ओएसडी शैलेंद्र भाटिया के समक्ष प्रोजेक्ट का प्रस्तुतिकरण दिया।
कंपनी को सेक्टर-24, 28 व 29 में जमीन दिखाई गई है। कंपनी ने प्रस्ताव जल्द सबमिट करने को कहा है। हालांकि कंपनी की तरफ से निवेश व रोजगार की जानकारी अभी नहीं दी गई है। वह प्रस्ताव में इसका जिक्र करेगी।
टेक्सटाइल पार्क के लिए 100 कंपनियों के डीपीआर
यमुना प्राधिकरण में नोएडा अपैरल एक्सपोर्ट क्लस्टर (टेक्सटाइल पार्क) से अब तक 100 कंपनियां जुड़ चुकी हैं। इनमें से कुछ ने डीपीआर सबमिट कर दी है और कुछ कंपनियों डीपीआर के लिए पत्र भेज दिया गया है।
कुल रकम का 10 फीसदी रकम व डीपीआर मिलते ही इनको जमीन आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। ओएसडी शैलेंद्र भाटिया ने बताया कि बीते फरवरी में निवेश समिट में कुल 28 एमओयू साइन हुए थे, जिनसे 10 हजार करोड़ रुपये के निवेश की बात कही गई थी।