जेवर में प्रस्तावित नोएडा एयरपोर्ट बनने के बाद यह देश का सबसे कमाऊ एयरपोर्ट बन जाएगा। प्रति यात्री 400 रुपये लाभांश अभी तक किसी भी एयरपोर्ट से नहीं मिल रहा। अगर 2023 में उड़ान शुरू होती है तो छठे साल से 1.6 लाख करोड़ रुपये का सालाना राजस्व मिलने का आकलन है। इससे न सिर्फ तीनों प्राधिकरणों, बल्कि प्रदेश की विकास परियोजनाओं को पंख लग सकेंगे। दरअसल, नोएडा एयरपोर्ट का निर्माण करने के लिए ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी कंपनी ने सबसे ज्यादा लाभांश देने की बोली लगाई है। यह अब तक का सर्वाधिक लाभांश है। वैसे तो प्रति यात्री लाभांश पर यह पहला ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट है, लेकिन कई ब्राउन फील्ड एयरपोर्ट पहले से इसी पैटर्न पर चल रहे हैं। उनका संचालन करने वाली कंपनियां 160 रुपये से 303 रुपये प्रति यात्री के हिसाब से सरकार को लाभांश का भुगतान कर रही हैं।
जानकार बताते हैं कि ज्यूरिख कंपनी एयरपोर्ट बनाने वाली विश्व की टॉप तीन कंपनियों में से एक है। इसके आने से एयरपोर्ट का निर्माण शीघ्र शुरू होने और तय समय 2023 पर उड़ान शुरू हो सकेगा। उसके छह साल बाद यानी 2029 से लाभांश मिलने का आकलन है। नोएडा एयरपोर्ट की कंसलटेंट कंपनी प्राइस वाटरहाउस कूपर्स (पीडब्ल्यूसी) की तरफ से नोएडा एयरपोर्ट की तैयार रिपोर्ट के मुताबिक उड़ान से पहले साल में ही करीब 50 लाख यात्रियों के हर साल सफर करने का आकलन है।
इस हिसाब से करीब 1.6 लाख करोड़ रुपये सालाना आमदनी की उम्मीद है। यह रकम नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण और प्रदेश को उनकी हिस्सेदारी के अनुसार मिलने लगेगी। जानकारों का मानना है कि यह रकम इतनी अधिक है प्रदेश में विकास परियोजनाएं भी उड़ान भरने लगेंगी। साथ ही, प्राधिकरणों को भी पैसों की कमी नहीं रहेगी। बता दें कि एयरपोर्ट की बिड में इसका उल्लेख है कि जिस कंपनी का चयन होगा उसे उड़ान शुरू होने के छह साल तक छूट काल मिलेगा। उसके बाद कंपनी लाभांश का भुगतान करेगी।https://www.amarujala.com/delhi-ncr/noida-airport-will-earn-highest-profit-in-country-seven-lakh-people-will-get-employment